Bhopal Municipal Corporation
Board Of Revenue Madhya Pradesh
मध्य प्रदेश राजस्व मण्डल ISO 9001-2015 Certified
 

राजस्व मण्डल मध्य प्रदेश


मध्य भारत क्षेत्र में मध्य भारत राजस्व मण्डल अध्यादेश 1948 के अधीन राजस्व मण्डल का गठन हुआ था। विंध्य क्षेत्र में इसी प्रकार 1948 अध्यादेश के अधीन राजस्व मण्डल अस्तित्व में आया था। पुराने मध्य प्रदेश में सेंट्रल प्रोविन्सेस बोर्ड ऑफ रेवेन्यु ऑडिनेन्स, 1949 के अधीन यह न्यायालय अस्तित्व में आया। राजस्थान राज्य में भी, जिससे सिरोंज क्षेत्र नवीन मध्य प्रदेश में आया था, राजस्व मण्डल कार्य कर रहा था। केवल भोपाल राज्य ऐसा था जहॉ राजस्व मण्डल नाम की कोई संस्था नहीं थी और समस्त अपीलीय तथा पुनरीक्षण अधिकारिता राज्य सरकार को प्राप्त थी।

राज्य सरकार ने यह अधिकार असिस्टेंट चीफ कमिश्नर को अंतरित कर दिए थे। नवीन मध्य प्रदेश राज्य के निर्माण के साथ ही म.प्र.राजपत्र (असाधारण) दिनांक 1 नवंबर 1956 में प्रकाशित अधिसूचना क्रं. 10-एक, दिनांक 1 नबंबर 1956 द्वारा नवीन राज्य के लिए राजस्व मण्डल का गठन किया गया जो विभिन्न क्षेत्रीय अधिनियमों के अधीन न्याय-दान करता था। दिनांक 1 नवंबर 1956 के असाधारण राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना क्र.-12-एक-ए द्वारा भोपाल राज्य में असिस्‍टेंट चीफ सेक्रेटरी की अपीलीय एवं पुनरीक्षण अधिकारिता इस नवीन राजस्व मण्डल को दे दी गई।

वर्ष 2011 में म. प्र. शासन द्वारा म. प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 में संशोधन के उपरांत निगरानी सुनने के समस्त अधिकार राजस्‍व मंडल में वेष्टित कर दिये हैं ।

राज्य शासन द्वारा ग्वालियर को मण्डल का प्रधान स्थान नियत किया गया है । इसके अतिरिक्त राजस्व मण्डल की रीवा, इन्दौर, जबलपुर, भोपाल, उज्जैन तथा सागर संभागीय मुख्यालयों पर भी आयोजित हो रही है।

राजस्व मण्डल का गठन म. प्र. भू राजस्व संहिता 1959 के अन्तर्गत किया गया है । राजस्व मण्डल प्रदेश में भू-राजस्व संहिता के अन्तर्गत राजस्व प्रकरणों की अपीलें / निगरानी सुनने की उच्चतम संस्था है । इसके अतिरिक्त अन्य अधिनियमों यथा – म. प्र. आबकारी अधिनियम, भारतीय स्टाम्प अधिनियम आदि में राजस्व‍ मण्डल को मुख्य नियंत्रक राजस्व प्राधिकारी के रूप में मान्‍य किया गया हैा

 

श्री अश्विनी कुमार राय

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